क्षेत्रीय रेलों पर अराजपत्रित कर्मचारियों के पारस्परिक स्थानांतरण संबंधी व्यापक नीति

2. परिभाषा: कोई भी रेल सेवक, जो किसी रेलवे / मंडल / इकाई की रेल सेवा का सदस्य है, आईआरईसी वॉल्यूम-। के पैरा 226 में निहित प्रावधानों के अध्यधीन समान ग्रेड में अथवा स्वैच्छा से और बिना किसी शर्त के (यदि वह उच्च / अलग ग्रेड में कार्यरत हो) किसी अन्य रेल्वे।इकाई / मंडल के कर्मचारी के साथ पारस्परिक स्थानांतरण की मांग कर सकता है।

3. शक्तियां:  मंडल रेल प्रबंधक के पास मंडलीय नियंत्रित पद का पारस्परिक स्थानांतरण करने की समग्र

शक्तियां मौजूद हैं। सीडब्ल्यूएम के पास वर्कशॉय नियंत्रित पर्दों से संबंधित समग्र शक्तियां निहित हैं। जहां तक मुख्यालय नियंत्रित पदों का संबंध है, महाप्रबंधक अथवा कोई निचला प्राधिकारी, जिन्हें शक्तियां प्रत्यायोजित की गई हों, इनके लिए सक्षम प्राधिकारी हैं।

4. पारस्परिक अदला- बदली आधार पर स्थानांतरण होने पर वरीयता का निर्धारण

4.1 कोडल प्रावधान: – ऐसे मामल्रों में दो कर्मचारियों में से वरिष्ठ कर्मचारी को कनिष्ठ कर्भचारी द्वारा रिक्त पद पर वरीयता प्रदान की जाएगी। कनिष्ठ कर्मचारी को नई इकाई में कार्यभार ग्रहण करने के बाद पिछली वरीयता रखने की अनुमति होगी और उसे समान वरीयता रखने वाले कर्मचारी से नीचे रखा जाएगा

(आईआरईसी वॉल्यूम-। का पैरा 230 देखें)।

4.2 आईआरईएम प्रावधान: – एक मंडल, कार्यालय अथवा रेलवे के एक संवर्ग से किसी अन्य मंडल, कार्यालय अथवा रेलवे में तदनुरूपी संवर्ग में पारस्परिक अदला-बदली पर स्थानांतरित रेल सेवक उस ग्रेड में अपनी पदोन्‍नति की तारीख के आधार पर वरीयता रख सकता है अथवा उस रेल सेवक, जिसके साथ उसकी अदला- बदली हुई हो, इन दोनों में से जो भी कम हो, की वरीयता ले सकता है.

 (आईआरईएम वॉल्यूम-। का पैरा 310देखें)।

4.3 तदनुरूपी संवर्ग: – क्षेत्रीय रेलों के महाप्रबंधक स्वयं अथवा कनिष्ठ प्राधिकारी, जिन्हें शक्तियां प्रत्यायोजित की गई हों, पारस्परिक स्थानांतरण की मांग करने वाल्रे दो कर्मचारियों के तदनुरूपी संवर्गों का निर्णय लें सकते हैं।

(बोर्ड का दिनांक 02.03.2016 का पत्र सं.ई(एनजी)।-2015/टीआर/15 एवं 4(ii) देखें)।

4.4 एक बार पारस्परिक अदला- बदली की सहमति देने पर इसे वापस नहीं लिया जाएगा:- चूंकि पारस्परिक स्थानातंरण के आदेश दोनों पार्टियों की सहमति से दिए जाते हैं, अतः पारस्परिक स्थानांतरण के लिए आवेदन अग्रेषित करते समय यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि किसी भी स्थिति में पारस्परिक अदला-बदली व्यवस्था से वापस लौटने के अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा

(बोर्ड का दिनांक 21.04.2006 का पत्र सं. ई(एनजी)।-2006/टीआर/6 (आरबीई सं. 53/2006) देखें)।

5. संप्रदाय प्रतिबन्ध:-

(1) एर्णाकुलम में माननीय उच्च न्यायात्रय, केरल ने ओ.पी. सं. 2150/02 में अपने दिनांक 07.06.2005 के आदेश के तहत कैट एर्णाकुल्म बैंच के ओ.ए. सं.851/1999 में दिनांक 31.12.2004 के आदेश को आंशिक रूप से यथावत्न रखते हुए यह माना है कि समान कोटि (अर्थात्‌ सामान्य से सामान्य, अनुसूचित जाति से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के साथ अनुसूचित जनजाति) से संबंध रखने वाले कर्मचारियों के बीच पारस्परिक स्थानांतरण अनुमेय होना चाहिए इसके पश्चात ओ.ए. सं. 612/2005 में कैट, एर्णाकुलम बैंच ने यह निर्देश किया है कि रेलवे बोर्ड द्वारा इस पैरा में संदर्भित दिनांक 07.06.2005 के उच्च न्यायालय केरल के आदेश से उत्पन्न नीति का जहां तक संभव हो शीघ्र विनिश्चय किया जाना चाहिए।

(2) उक्त के आल्रोक मैं रेल मंत्रालय ने विनिश्चय किया है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के लिए निर्धारित प्रतिबंधों के संदर्भ में पद आधारित रोस्टर में संतुलन बनाए रखने और फीडर ग्रेडों में कर्मचारियों की पदोन्‍नति के मामले में होने वाली कठिनाई से बचाने के लिए समान कोटि से (अर्थात्‌ सामान्य से सामान्य, अनुसूचित जाति से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के साथ अनुसूचित जनजाति) संबंधित कर्मचारियों के बीच, पारस्परिक आधार पर स्थानांतरण की अनुमति होनी चाहिए। बहरहाल, भर्ती ग्रेडों में निचली वरीयता को पद आधारित रोस्टर पाइंट के संदर्भ में सीमित नहीं किया जाना चाहिए। इस संबंध में भविष्य में पदों की कमी / आधिक्य को समायोजित करने के लिए सामान्य तौर पर अपनाई जा रही कार्यपद्धति जारी रहेगी। परंतु ऐसे स्थानांतरण केवल सीधी भर्ती कोटा के पदों पर होंगे और पदोन्‍नति कोटा पदों पर नहीं होंगे। उक्त अनुदेश किसी भी परिस्थिति में पद आधारित रोस्टरों के संचालन/ रखरखाव के संबंध इस मंत्रालय दवारा निर्धारित मौजूदा कार्यपद्धति में फेरबदल नहीं करेंगे।

(बोर्ड का दिनांक 14.08.2007 का पत्र  सं.ई(एनजी)।-2004/टीआर/16 (आरबीई सं.107/007) देखें)

6. उक्त अनुदेशों के संबंध में निम्नलिखित शंकाएं व्यक्त की गई हैं –

i. क्या यह प्रतिबंध अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित कर्मचारियों पर लागू नहीं होता है क्योंकि उक्त अनुदेशों में इसका उल्लेख नहीं किया गया है; और

ii. क्या भर्ती ग्रेड में पाररपरिक आधार पर किए गए स्थानांतरण मेँ ये प्रतिबंध ल्रागू होंगे?

6.1.  इस मामले पर सावधानीपूर्वक विचार किया गया है और इसे नीचे मद वार स्पष्ट किया गया हैः-

i) ओबीसी के लिए पदोन्नति द्वारा भरे गए पर्दों में आरक्षण नहीं है, क्योंकि ‘सामान्य’ शब्द में ओबीसी भी शामित्र है। दूसरे शब्दों में, सामान्य/ओबीसी कोटि से संबंधित कर्मचारी सामान्य/ ओबीसी कोटि से संबंधित कर्मचारियों से पारस्परिक स्थानांतरण हेतु संपर्क कर सकते हैं।

ii) इस तथ्य के मद्देनज़र कि दिनांक 14.08.2007 के अनुदेश भर्ती ग्रेड में निचली वरीयता के अनुरोधों पर स्थानांतरण में कोई प्रतिबंध लागू नहीं है, भर्ती ग्रेडों में भी पारस्परिक स्थानांतरण की अनुमति दी जाए बशर्ते:-

(क): उक्त ग्रेड में पदों को संपूर्ण रूप से ओपन मार्केट से सीधी भर्ती के माध्यम से भरा गया हो;

(ख): उन मामलों में जहां उक्त ग्रेड में पदों को आंशिक रूप से पदोन्‍नति द्वारा भरा गया हो और आंशिक रूप से सीधी भर्ती द्वारा भरा गया हो, पारस्परिक स्थानांतरण की मांग करने वाले दोनों कर्मचारी ओपन मार्केट से सीधी भर्ती के माध्यम से भर्ती किए गए हों, इसके पीछे उद्देश्य यह है कि वे दोनों कर्मचारी सीधी भर्ती के लिए अनुरक्षित पद आधारित रोस्टरों से आए हों। अन्य शब्दों में, यदि पदोन्‍नति के लिए रखे गए पद आधारित रोस्टर में एक अथवा दोनों कर्मचारियों का नाम रखा गया है, तो पारस्परिक स्थानांतरण पर प्रतिबंध दिनांक 14.08.2007 के अनुदेशों के अनुसार लागू होंगे।

6.2. दस्तावेज़ों की सूची:- (क) आवेदन, जिसमें सभी आवश्यक विवरणों का उल्लेख किया गया हो, की उत्तनी प्रतियाँ बनाई जाएँ जितने स्तर/अधिकारियों के पास इस आवेदन को भेजा जाना है, इसमें वह इकाई/ मण्डल/ रेलवे भी शामिल्र है, जहां स्थानांतरण की मांग की गई है।

(ख) आवेदन की सभी प्रतियों में कर्मचारी की नवीनतम पासपोर्ट साइज़ फोटोग्राफ आवेदन पत्र के ऊपर दाई ओर लगी हो।

(ग)  आवेदन पत्र के साथ एक अतिरिक्त समान पासपोर्ट साइज़ फोटोग्राफ लगाया जाए, जिसे समान रुप से  कर्मचारी के स्थानांतरण ज्ञापन/ आदेश पर चिपकाया जाए जब भी इसे जारी किया जाएगा।

(घ) संबंधित कर्मचारी के आसन्‍न पर्यवेक्षक/ अधिकारी आवेदन को अगली कार्रवाई के लिए अग्रेषित करने से आवेदन की प्रत्येक प्रति पर चिपकाए गए फोटोग्राफ को इस प्रकार सत्यापित करें कि उसके नीचे हस्ताक्षर और रबड़ की मोहर आधी फोटोग्राफ पर दिखे और आधी फोटोग्राफ के नीचे कागज़ पर दिखे!

(ड) रबड़ की मोहर पर आवेदन को सत्यापित और अग्रेषित करने वाले पर्यवेक्षक/ अधिकारी का नाम और पदनाम का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया गया हो।

(च) प्रत्येक स्तर/ कार्याल्य – उच्च अधिकारी अथवा इकाई, जिसके लिए स्थानांतरण मांगा गया है, को इस आवेदन को अग्रेषित करने से पहले उक्त उल्लिखित विवरणों के संबंध में पूर्ण आवेदन को अपने पास रखेंगे, जैसा भी मामला हो। भरे गए ब्यौरे की जांच की जाए और सत्यापित किया जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसमें कोई विसंगति न हो मुख्यतः इस विषय पर कि क्‍या कर्मचारी को उस पद पर नियमित रूप से अथवा तदर्थ आधार पर पदोन्‍नत किया गया है।

(छ). आवेदन को मौजूदा प्रक्रिया के अनुसार पंजीकृत किया जाए और उपयुक्त प्राथमिकता नंबर आवंटित किया जाए और कर्मचारी को इसकी सूचना दी जाए।

(ज) आवेदन के अनुरोध को स्वीकार करने और सक्षम प्राधिकारी द्वारा आवश्यक आदेशों के जारी होने के पश्चात, कर्मचारी को छोड़ने से संबंधित ज्ञापन /आदेश पर उपर्युक्त (घ) में उल्लिखित पद्धति के अनुसार कर्मचारी का विधिवत रूप से सत्यापित फोटोग्राफ (आरंभ में उनके अनुरोध के समय प्राप्त) त्लगाया जाए। ज्ञापन/ आदेश में स्थानांतरित कर्मचारी का हस्ताक्षर और बाएँ हाथ के अंगूठे की छाप भी हो, दोनों को ज्ञापन/ आदेश पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी द्वारा यथोचित रूप से सत्यापित किया जाए, जिसमें उनके हस्ताक्षर के नीचे उनका नाम और पदनाम दिया गया हो।

(झ) जब कोई स्थानांतरित कर्मचारी स्थानांतरण के मूल जापन के साथ नई इकाई में रिपोर्ट करता है, तो उनके कार्यभार ग्रहण करने से पहले आवश्यक विवरणों जैसे फोटोग्राफ, हस्ताक्षर आदि की ध्यान से जांच की जाए। यदि किसी मामले में, प्रथम दृष्टया विवरण मेल खाते हैं परंतु उचित संदेह बना रहता है, तो रेलवे/ मण्डल/ इकाई जहां से कर्मचारी का स्थानांतरण किया गया है, वहाँ से प्रामाणिकता का परामर्श/ जांच/ सत्यापन आवश्यक है, इसे जल्द-से-जल्द किया जाए परंतु उनके कार्यभार संभालने के एक माह के भीतर किया जाए।

(ञ) स्थानांतरण से संबंधित सभी पत्राचारों पर राजपत्रित कार्मिक अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किए जाएँ, जिसके नीचे उनका नाम और पदनाम भी लिखा गया हो।

(ट). एलपीसी तत्काल जारी किया जाए, जिस पर राजपत्रित लेखा अधिकारी के हस्ताक्षर किए गए हों, सके नीचे उनका नाम और पदनाम भी लिखा गया हो!

(ठ) एलपीसी को एक प्रावरण पत्र के साथ कर्मचारी के स्थानांतरण की नई इकाई में, जहां तक संभव हो विशेष चपरासी के जरिए भेजा जाए, जिसकी पहचान दस्तावेज़ स्वीकार करते समय नोट की जाए।

(ड) संबंधित कर्मचारी की विधिवत रूप से पूरी की गई सेवा पंजिका उक्त (ठ) में उल्लिखित अनुसार नई इकाई में भेजी जाए।


7. कार्य मुक्त करना:- यह विनिश्चय किया गया है कि पारस्परिक स्थानांतरण के सभी मामले, जहां दोनों अर्थात स्वीकार करने वाली और कार्य मुक्त करने वाली रेलॉ/इकाइयों द्वारा एनओसी दी गई है, दोनों इकाइयों को रिलीवर की प्रतीक्षा किए बिना दोनों कर्मचारियों को तत्काल एक सप्ताह के भीतर कार्यमुक्त किया जाए। कर्मचारी को नए मण्डल्न में सेवा पंजिका और अविधिक्षित एलपीसी की प्रतिल्निपि प्रस्तुत करने के लिए दी जाए। 15 दिनों के भीतर निश्चित रूप से मूत्र सेवा पंजिका रिकॉर्ड/एलपीसी भी भेजी जाएँ।

 

8. पूर्ववर्ती ग्रुप ‘डी’ में तदनुरूपी संवर्ग की स्वीकार्यता नहीं (रु 1800/ लेवल-1):- यह विनिश्चय किया गया है कि किसी मण्डल्र/ कार्यालय / रेलवे/ उत्पादन इकाई/ इकाई के किसी विभाग/ संवर्ग में कार्यरत लेवल- 1 (जी.पी रू. 1800/-) के पूर्ववर्ती ग्रुप ‘डी’ कर्मचारी को “तदनुरूपी संवर्ग” के शब्द का प्रयोग किए बिना दूसरे मण्डल/ कार्याल्य / रेलवे/उत्पादन इकाई/इकाई के किसी विभाग/संवर्ग के लेवल- 1 (जी.पी. रु 1800/-) के कर्मचारी के साथ पारस्परिक रूप से स्थानांतरण की अनुमति होगी। बहरहाल, यह व्यवस्था निर्धारित मेडिकल मानदंडों को पूरा करने के अध्यधीन है। इस प्रकार स्थानांतरित किए गए कर्मचारी को नई इकाई में उनके कार्यरत पद पर तैनात करने से पहले, यदि आवश्यक हो, निरपवाद रूप से अपेक्षित प्रशिक्षण दिया जाए। इस प्रशिक्षण अवधि को इयूटी समझा जाए। आईआरईएम वॉल्यूम-। के पैरा 310 में संशोधन करते हुए अग्रिम शुद्धि पर्ची सं.250 जारी की गई है। ये प्रावधान लेवल – 2 और उससे ऊपर के लेवल में कार्य कर रहे अराजपत्रित रेत्र कर्मचारियों पर लागू नहीं हांगे। 

9. पदावनति पर पारस्परिक स्थानांतरण: – यह विनिश्चय किया गया है कि दो अलग ग्रेड के कर्मचारियों के बीच भी पारस्परिक स्थानांतरण की अनुमति होगी परंतु यह अनुमति मध्यवर्ती ग्रेड में नहीं बल्कि केवल संवर्ग के भर्ती ग्रेड में होगी। पारस्परिक स्थानांतरण की मांग करने वाले दोनों कर्मचारियों को भावी मुकदमेबाज़ी से बचने के लिए लिखित वचनबद्धता देनी होगी कि वे बिना शर्त के पदावनति और अपने हित में स्वेच्छा से संबंधित नई इकाई में भर्ती ग्रेड और निम्नतम वरिष्ठता स्वीकार कर रहे हैं। पूर्ववर्ती लाइनों में उल्लिखित अभिव्यक्ति को संबंधित कर्मचारी द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदन-पत्र में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए।

उक्त पैरा । में यथा उल्लिखित बोर्ड के दिनांक 22.09.2017 के पत्र सं.ई(एनजी)॥-2017/टीआर/24 के पैरा 2(ख) (iii) के नीचे लिखित “नोट” को रद्द समझा जाए। बोर्ड के दिनांक 4.08.2007 और 22.10.2007 के पत्र सा.ई(एनजी)-2004/टीआर/16 में निर्दिष्ट सामुदायिक प्रतिबंध सहित पारस्परिक स्थानांतरण के अन्य नियम और शर्ते वही रहेंगी।


10.  पारस्परिक रुप से स्थानानतरण संबंधी मामलों से निपटने के लिए आदर्श समय-सीमा: –

(1) मंडल के कार्मिक विभाग के पर्यवेक्षकों द्वारा आवेदन-पत्र अग्रेषित करना: इस स्तर पर यंह सत्यापित किया जाना चाहिए कि निर्धारित आवेदन-पत्र सभी प्रकार से दोनों कर्मचारियों द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित हैं और उसमें दी गई जानकारी सही है। वर्कशॉप के कर्मचारियों के मामले में, यह कार्य वर्कशॉप में ही किया जाएगा।      10 दिन

2. मंडलीय कर्मिक विभाग द्वारा अग्रेषित: –

(क) मंडलीय नियंत्रित पदः- मंडलीय कार्मिक विभाग दूवारा आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन पत्र को सीधे संबंधित मंडल को अग्रेषित किया जाएगा जहां स्थानान्तरण की मांग की गई है। अग्रेषित पत्र में पत्र पर हस्ताक्षर करने वात्रे अधिकारी के नाम और पदनाम का अनिवार्य रूप से उल्लेख किया जाए। वर्कशॉप के कर्मचारियों के संबंध में, यह कार्य मुख्य वर्कशॉप प्रबंधक (सीडब्ल्यूएम) या निम्नतर प्राधिकारी द्वारा किया जाएगा, जिन्हें शक्तियां सौंपी गई हैं।

(ख) मुख्यालय नियंत्रित पदों के लिए: – कार्मिक विभाग द्वारा सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन-पत्र को क्षेत्रीय मुख्यालय (सीपीओ कार्यात्रय) को अग्रेषित किया जाएगा।       15 दिन 

3. मुख्या्रय कार्मिक विभाग दूवारा अग्रेषित करना (मुख्यालय नियंत्रित पदों के लिए): –

मंडल / वर्कशॉप से विधिवत अग्रेषित किए गए आवेदन-पत्र के प्राप्त होने पर इसे मुंख्यालय कार्मिक विभाग कार्यालय इसे संबंधित क्षेत्रीय रेलो / उत्पादन इकाईयों को अग्रेषित किया जाएगा।      15 दिन

4. स्वीकृति की सूचना देना: – काउण्टर पार्ट मुख्यात्रय / मंडल दूवारा अपनी स्वीकृति जारी कर इसे मुख्यालय / मंडतर (जैसा भी मामल्रा हो) को अग्रेषित किया जाएगा।

10 दिन

5. स्थानान्‍तरण आदेश जारी करना:- मुख्यालय मंडल से स्वीकृति की सहमति प्राप्त होने पर स्थानान्तरण आदेश जारी किए जाएंगे।            10 दिन

6. एलपीसी और सर्विस रिकॉर्ड को प्रेषित करना: – बोर्ड के दिनांक 21.11.2004 के पत्र सं.ई(एनजी)1-2004/टीआर/16 के अनुसार संबंधित कार्मिक विभाग दवारा यह सुनिश्चित किया जाए कि कर्मचारी का एलपीसी तथा सर्विस रिकॉर्ड नये मंडल्र/जोन इत्यादि को तत्काल भेज दिए गए हैं। सर्विस रिकॉर्ड की सत्यापित प्रति संबंधित कर्मचारी को दी जानी चाहिए।   45 दिन

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