रेलवे बजट को आम बजट मे विलय 2017-18 मे किया गया, जब इसकी शुरुआत हुई थी तो भारतीय रेलवे को डिमांड संख्या-80 दी गई, बाद में इसे 81 और फिर 82 में बदला गया। अंत में 2020-21 के लिए डिमांड संख्या-83 तय की गई है। निम्न परिवर्तन मुख्यत किया गया:-
- मांग संख्या 03 से 14 (कुल 12) का नाम में परिवर्तन करके SMH (Sub Major Head) को 01 से 12 में बदल दिया गया है, जो मेजर हेड 3002-भारतीय रेलवे कार्य व्यय-वाणिज्यिक लाइन के तहत है। लेकिन व्यय का वर्गीकरण/आवंटन अब भी भारतीय रेलवे वित्त संहिता वॉल्यूम-II के अनुसार ही है।
- मांग संख्या-83 को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है – राजस्व भाग (Revenue) और पूंजीगत भाग (Capital)
- राजस्व भाग (Revenue) का मेजर हेड-3001,3002 है।
- पूंजीगत भाग (Capital ) का मेजर हेड-5002 है।
- पूंजीगत पर (Capital) ब्याज लाभांश के रूप में लिया जाता है किन्तु अब लाभांश को देने की आवश्यकता नहीं है।
- अभी तक पूरे वर्ष में रेलवे बजट की तीन समीक्षा की जाती थी, अब उसमें से एक समीक्षा “अगस्त” समीक्षा को बंद कर दिया गया है अब वर्ष में दो बजट समीक्षा की जाती है – (1) RE/BE (Revised Estimate/Budget Estimate) वर्तमान वर्ष के संशोधित अनुमान/अगले वर्ष के बजट अनुमान (2) अंतिम संशोधित आशोधन विवरण।
- Revised Estimate & Budget Estimate अब नवंबर के बदले सितंबर में होने वाला है।
- वर्क्स बजट में जो कार्य प्रगति पर हो उसी का प्रस्ताव भेजा जयेगा ।